बुधवार, 30 दिसंबर 2020

BHAGVAD GITA

 अध्याय १ श्लोक ४ 

अत्र श्रुराः महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि। 
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च 

महारथः।।४।।

अत्र :-यहाँ;श्रुराः :-वीर;महेष्वासा:-महान धनुर्धर;भीमार्जुन:-भीम तथा अर्जुन;समाः :-के समान युधि :-युद्ध में;युयुधानः :-युयुधान  ;विराटः -विराट;च :-भी;द्रुपद :- द्रुपद ; च :-भी;महारथः :-महान योद्धा।

 इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले अनेक वीर धनुर्धर हैं -महारथी युयुधान,विराट तथा द्रुपद। 
अर्थात :-जबकि युद्धकला में द्रोणाचार्य की महान शक्ति के समक्ष धृष्टधुम्न महत्पूर्ण वाधक नहीं था,किन्तु ऐसे अनेक योद्धा थे जिनसे उसको भय था दुर्योधन इन्हें विजयपथ में बाधक बताता है क्योंकि इनमे से प्रत्येक योद्धा भीम तथा अर्जुन के समान दुर्जेय था। उसे भीम तथा अर्जुन के बल का ज्ञान था, इसीलिए वह अन्यों की तुलना इन दोनों से करता है। 
क्रमशः !!!!!!!!!!

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