मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

कौन हो तुम

                          कौन हो तुम 

कौन हो तुम,हर समय साथ रहते हो पर साया भी नहीं हो तुम। 
सपनों में,खाने में,सोने में हर पल साथ हो तुम,ये कैसी याद हो तुम।।
दुःख-दर्द व ख़ुशी के वक्त भी पास हो,पर देख नहीं पाते हैं हम। 
रोशनी में उजाला हो,अंधेरों में चिराग हो,पूनम का चाँद हो तुम।।
संगीत में शहनाई हो,ताल में मृदंग हो,चन्दन सी शीतल हो तुम। 
सावन की बौछार हो,सर्द शीत  लहर हो,बसंत में माघ हो तुम ।।
फूलों की खुशबू हो बागों की हरियाली हो,फलों की डाली हो। 
 कल की आस थी आज की प्यास है,भविष्य की तलाश हो तुम ।।  
मुस्कराते रहना यूँ ही,इस जीवन यात्रा में किसी का तो चिराग हो तुम ।  
रागों में रागिनी हो ,जीवन का अनुराग हो पर न जाने कौन हो तुम।।

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                               (फोटो गूगल से साभार )


गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

सेवा भाव

                                        सेवा भाव 

ॐ नमः नारायण ,प्यारे मित्रो बड़ी ही ख़ुशी की अनुभूति हुई जब मैंने उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल  के जामणीखाल में एक स्वयं सेवी संस्था ,जीवन एक कथा का नाम सुना जिसमे कुछ असहाय लोगो की सहायता की जा रही है ,बड़ा ही सराहनीय कार्य है ,जीवनकथा  के संस्थापक श्री राकेश पंवार जी तथा समस्त टीम के कार्यकर्ताओं  को बधाई एवं सुभकामनाए। समस्त देवभूमि एवं माँ भारती के सपूतों से करबद्ध  निवेदन है कि कृपया इस पुण्य कार्य में जरूर अपना अंशदान करें जिससे अपनी देवभूमि में कोई व्यक्ति भी असहाय महसूश न करे,बेरोजगारी और कुछ अन्य कारणों से यहाँ की जनता अधिकतर पलायन कर चुकी है ,पर इन महानुभाओं ने कई वीडियो  दिखाए  जिससे हृदय बिदीर्ण  होता है ।इसमें एक वीडियो हमारे गांव बुड़कोट का भी है,कहते हैं  जिसका कोई नहीं  होता उसके लिए भगवान स्वयं अवतार लेते है,ऐसे ही श्री  राकेश पंवार जी को हमारी देवभूमि का अवतार माना जयेगा  क्यों कि किसी ने भी उन बच्चों,बुजुर्गों,महिलाओं एवं दिव्यांगों के बारे में नहीं सोचा,पंवार जी एवं जीवनकथा  की टीम को कोटि-कोटि नमन साधुवाद एवं  धन्यवाद।