मंगलवार, 29 अगस्त 2017

आजादी का अर्थ

जागो भारत जागो 

Risultati immagini per ram rahimRisultati immagini per rampal

मेरा भारत आजाद तो हुआ है पर आज देखने को मिला कितने भोले लोग है हम जो इतनी जल्दी किसी पर यकीन कर लेते है। बाबा राम रहीम।,बाबा रामपाल।,आशाराम बापू !!!!!!!!!!!
न जाने और भी कितने बापू है जो गरीब जनता को चूस रहे है राजाओ के ज़माने से भी बुरा हाल है।
एक बार मेरे साथ भी एक घटना हुई, १९९८ की बात है मैं उत्तरकाशी में रहता था सुबह ऑफ़िस को जा रहा था अचानक एक साधु आया और मुझे सड़क के किनारे बिठाने ले गया और हाथ में पत्थर उठाया और उस पर मंतर जप करने लगा कुछ सेकेण्ड में वह पत्थर मिश्री दिखने लगा और मुझे खाने को दिया और मैंने खाया भी आप को यकीन नहीं होगा  मिश्री जैसा ही मीठा हो रहा था पर मुझे डर लगा,मैंने कहा मुझे ऑफिस जाना है देर हो रही है तो बाबा ने  कहा जितने पैसे है देदो नहीं तो कुछ जादू कर दूंगा,मेरी जेब में सिर्फ ५० रूपये थे जो मैंने उसे दे दिए और पीछा छुड़वा के भाग गया।
न जाने कितने लोगो को लुटा होगा उसने,कैसे सिस्टम का नंगा नाच है कोई जाँच करने वाला नहीं है भीड़ को इकट्ठा होने दिया जाता है बिना बात के !!!!
बाबा राम रहीम का आधे भारत की जनता  पर कब्ज़ा हो गया था और किसी को पता ही नहीं है
पुलिस,जहाँ पर मार पीट भी हो रही होगी तो तब तक नहीं पूछती है जब तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करेगा और बात भी सही  है कि आदेश नहीं है।
सोचने वाली बात है कितनी जनता को गुलाम बना कर रखा था बाबा राम रहीम ने,जो मर मिटने के लिए भी तैयार हैं उसके लिए,और कुछ मर मिट भी गए,उनके परिवार को क्या मिलेगा एक देश द्रोही का साथ देकर काश देश सेवा में शहीद होते तो बात कुछ और ही होती।
पुराने ज़माने में गुलामों की कहानी तो सबने सुनी है उसी तर्ज पर ये कुछ घटिया लोग आज भी गुलाम बनाते है।
बहुत दुःख हो रहा है दोस्तों !!!!
पुलिस डिपार्टमेंट ????
हैल्थ डिपार्टमेंट ????
रेलवे डिपार्टमेंट ?????
पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट ????
ख़ुफ़िया बिभाग ????? आदि आदि !!
अब सिर्फ आर्म्ड फोर्सेस है जहाँ मर्जी डाल दो,कहाँ तो जाएगी इंडियन आर्मी !!!! कितना तो करेंगे एक नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी जी !!!!
ॐ शांति ॐ 


शुक्रवार, 28 जुलाई 2017

अर्पण (गुरुवाणी)

तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।(गुरुवाणी के कुछ अंस ) 

एक बार की बात है एक बृद्ध साधु महात्मा थे गर्मियों की बात थी सड़क के किनारे सो रहे थे,इतने में एक चोर आया और बाबा जी का कंबल उठा के भाग गया। 

अब बाबा जी उठे तो देखा एक आदमी कम्बल लेके भाग रहा है,लोगो को इकट्ठा किया और उस चोर के पीछे भागने लगे,बहुत दूर तक भागे लेकिन चोर तो चोर है कोई भी उसे नहीं पकड़ पाया,उन में से एक आदमी ने कहा बाबा आप तो ज्ञानी ध्यानी हैं आँखें बंद कर ध्यान लगाओ और चोर को देखो कहाँ पर है,हम उसे तुरंत पकड़ कर ले आएंगे।

बाबा जी ने भी आँखें  बंद की हुए ध्यान में लग गए लगभग एक घंटे बाद लोगों ने सोचा अब तो बाबा जी को चोर मिल ही गया होगा उन्होंने बाबा जी को आंखे खोलने को कहा और पूछा बाबा जी चोर मिल गया क्या?तो बाबा बोले हाँ चलो मेरे साथ सब हाथ में डंडे लेके चल पड़े और बाबा जी सब को शमशान घाट पर ले गए बोले वो चोर जब भी आएगा यहीं पर आएगा कम्बल तो नहीं मिलेगा पर ये तो पक्का है की इसी स्थान पर आएगा। 

Risultati immagini per guru avdheshanand ji

           ( जय गुरुदेव कोटि कोटि नमन )

सोमवार, 1 मई 2017

सहजता व् सामान्यता

सुधांशु जी महाराज जी के प्रबचन 

एक शहर की बात है वहां पर एक डॉक्टर रहते थे,और शहर से थोड़ी दूर पर उनका क्लिनिक था।
एक दिन वो रोज की तरह ही चप्पल पहने अपने क्लिनिक में जा रहे थे,साधारण कुर्ता और पैजामा पहने हुए थे,और कंधे में एक थैला था जिसमे डॉक्टर के उपकरण थे ,पर लगता था साधारण  आदमी होगा।
रास्ते में एक आदमी ने आवाज लगाई अरे भाई आज मुझे अपने मकान का काम पूरा करना है पर सुबह से कोई भी मजदूर नहीं मिल रहा है,जितना मजदूरी कहोगे दे दूंगा  कृपया मना मत करना।
डॉक्टर शाहब ने कहा भाई बहुत जरुरी है तो कर लेते है चलो,अब डॉक्टर जी ने अपने बैग से सांपा निकला और सर पर बांध दिया अब तो पक्का मजदूर लग रहे थे।
बहुत जल्दी-जल्दी काम करने लगे और उस आदमी से भी तेज काम कर रहे है,वो लोग बहुत खुश हो रहे है बोले भगवान की कृपा हो गई आज जो हमें इतना अच्छा मजदूर मिल गया है,उस आदमी की पत्नी बोली अजी इसको पूरी मजदूरी देना जो भी बोलेगा अच्छा काम कर रहा है और आज ही हमारा घर बन जायेगा,दिन भर बेचारे ने खाना भी नहीं खाया और पानी भी नहीं पिया बहुत खुश है पुरे परिवार वाले।
सायं के वक्त उस मोहल्ले का सरपंच वहां से जा रहा था तो उसने देखा,ये तो उस क्लिनिक का डॉक्टर लगता है पत्थर ढो रहा है मजदूरों की तरह, उसने प्रणाम किया और पूछा डॉक्टर शाहब आप यहां काम कर रहे है अरे हमको कह दिया होता,क्या बात है ये आपके रिस्तेदार हैं क्या ?
डॉक्टर ने कहा नहीं आज सुबह ही इनसे रिस्तेदारी हुई है इनको मजदूर नहीं मिल रहा था और इनका घर बनना भी जरुरी था सायद भगवान का यही आदेश था।
सारे परिवार वाले डॉक्टर शाहब के पैरों में झुककर प्रणाम कर बोले शाहब हमसे गलती हो गयी हमने आपको पहचाना नहीं कि आप तो डॉक्टर है और आपने दिनभर भूखा रहकर हमारे मकान बनाने में हमारा सहयोग किया।
डॉक्टर ने कहा मैंने तो भगवान का आदेश का पालन किया है। 


 Risultati immagini per sudhanshuji maharaj

जय हो 

बुधवार, 29 मार्च 2017

culture and music

पहाड़ी नृत्य की एक झलक है जो लगभग सारे गढ़वाल,कुमांऊ,जोनसार ,हिमांचल में  एक जैसा ही है। पर है अति मनभावन जरूर आनंद उठाएं। 


साभार यूट्यूब