रविवार, 28 फ़रवरी 2016

आजादी का अर्थ

आज अपने देश में आजादी के नारे सुनने पर बस कुछ लिखने का मन कर रहा है।
पढ़े लिखे लोग आजादी का भाषण दे रहे हैं,मैंने बचपन में पढ़ा था कि "आपकी आजादी वहां खत्म होती है जहाँ दूसरे की नाक शुरू होती है "
फिर से कहानी दोहराता हूँ शायद बड़े बच्चे इस कहानी को भूल गए होंगे।
एक बार एक आदमी अपने हाथ में अपने चारों ओर लाठी घुमा कर जोर से चिल्ला रहा था कि मैं आजाद हूँ,मैं आजाद हूँ अचानक एक सज्जन वहाँ पर आये और उन्होंने कहा बेटा आप आजाद हैं ये बिलकुल ठीक है पर आपकी आजादी वहां ख़त्म होती है जहाँ से मेरी नाक शुरू होती है।
बिल्कुल सही है आप आजाद है पर जहाँ तक दूसरों को तकलीफ नहीं होनी चाहिए। जो आजादी हमें गुलामी से मिली है वो तो देश के कुछ महापुरुषों की कुर्बानी से मिली है,इसे संभाल कर रखने का प्रत्येक नागरिक का कर्तब्य है,अपने हक़ के लिए भी लड़ना जरुरी है पर आपस में लड़कर नहीं,अंग्रेज यही तो चाहते थे कि आपस में फूट डालो और राज करो नौजवानों सावधान -सावधान। 

                             ॥ जय हिन्द जय भारत ॥ 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें