Bhagavad Gita is the life management book and self motivational book. many peoples change there life by reading this book, this is not a religious book anybody, any religion can read for better future. many peoples got success his business from this energetic book, I'm writing a shloka a day so if anybody don't have enough time to read so you can read a shloka a day, Thanks.
BHAGAVAD GITA IN HINDI
रविवार, 29 अप्रैल 2018
अद्यात्मिकता
मूकं करोति वाचालं,पंगु लंघयते गिरीम।।
I'm a husband, fathers of two kids, would like to help people anywhere and believe to spiritualty.
बुधवार, 4 अप्रैल 2018
यकीन
भगवान आएंगे दोस्तों,अपनी प्रार्थना पर यकीन कर डटकर इन्तजार करो।
कौन कहता है छलनी में पानी नहीं आता,बर्फ बनने तक इंतजार करो।।
I'm a husband, fathers of two kids, would like to help people anywhere and believe to spiritualty.
रविवार, 14 जनवरी 2018
शांति
एक बार की बात है कबीर दास जी एक नई जगह पहुँच गए ,रहने का साधन था नहीं तो एक झोंपड़ी बनाई और उसमे रहने लगे।
उनकी झोंपड़ी के पास में एक कसाई की दुकान थी तो जब कबीर दास जी प्रातः चार बजे उठकर स्नान कर पूजापाठ करना शुरु करते तो कसाई की दुकान से जानवरो के काटने की चीख पुकार सुनाई देती अब लगभग ये रोज का काम हो गया तो उनको बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था,तो एक सज्जन ने उनको सलाह दी कि झोंपड़ी बदल दो तो कबीर दास जी ने उस पर भी एक श्लोक बना दिया और शांत चित होकर रहने लगे।
कबीरा तेरी झोंपड़ी गलकट्टो के पास।
जो करेगा सो भरेगा तुम क्यूँ भए उदास।।
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गुरुवार, 21 दिसंबर 2017
Alvaro Soler - Libre ft. Emma (CocaCola Summer Festival)
I'm a husband, fathers of two kids, would like to help people anywhere and believe to spiritualty.
मंगलवार, 29 अगस्त 2017
आजादी का अर्थ
जागो भारत जागो
मेरा भारत आजाद तो हुआ है पर आज देखने को मिला कितने भोले लोग है हम जो इतनी जल्दी किसी पर यकीन कर लेते है। बाबा राम रहीम।,बाबा रामपाल।,आशाराम बापू !!!!!!!!!!!
न जाने और भी कितने बापू है जो गरीब जनता को चूस रहे है राजाओ के ज़माने से भी बुरा हाल है।
एक बार मेरे साथ भी एक घटना हुई, १९९८ की बात है मैं उत्तरकाशी में रहता था सुबह ऑफ़िस को जा रहा था अचानक एक साधु आया और मुझे सड़क के किनारे बिठाने ले गया और हाथ में पत्थर उठाया और उस पर मंतर जप करने लगा कुछ सेकेण्ड में वह पत्थर मिश्री दिखने लगा और मुझे खाने को दिया और मैंने खाया भी आप को यकीन नहीं होगा मिश्री जैसा ही मीठा हो रहा था पर मुझे डर लगा,मैंने कहा मुझे ऑफिस जाना है देर हो रही है तो बाबा ने कहा जितने पैसे है देदो नहीं तो कुछ जादू कर दूंगा,मेरी जेब में सिर्फ ५० रूपये थे जो मैंने उसे दे दिए और पीछा छुड़वा के भाग गया।
न जाने कितने लोगो को लुटा होगा उसने,कैसे सिस्टम का नंगा नाच है कोई जाँच करने वाला नहीं है भीड़ को इकट्ठा होने दिया जाता है बिना बात के !!!!
बाबा राम रहीम का आधे भारत की जनता पर कब्ज़ा हो गया था और किसी को पता ही नहीं है
पुलिस,जहाँ पर मार पीट भी हो रही होगी तो तब तक नहीं पूछती है जब तक कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं करेगा और बात भी सही है कि आदेश नहीं है।
सोचने वाली बात है कितनी जनता को गुलाम बना कर रखा था बाबा राम रहीम ने,जो मर मिटने के लिए भी तैयार हैं उसके लिए,और कुछ मर मिट भी गए,उनके परिवार को क्या मिलेगा एक देश द्रोही का साथ देकर काश देश सेवा में शहीद होते तो बात कुछ और ही होती।
पुराने ज़माने में गुलामों की कहानी तो सबने सुनी है उसी तर्ज पर ये कुछ घटिया लोग आज भी गुलाम बनाते है।
बहुत दुःख हो रहा है दोस्तों !!!!
पुलिस डिपार्टमेंट ????
हैल्थ डिपार्टमेंट ????
रेलवे डिपार्टमेंट ?????
पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट ????
ख़ुफ़िया बिभाग ????? आदि आदि !!
अब सिर्फ आर्म्ड फोर्सेस है जहाँ मर्जी डाल दो,कहाँ तो जाएगी इंडियन आर्मी !!!! कितना तो करेंगे एक नरेंद्र भाई दामोदर दास मोदी जी !!!!
ॐ शांति ॐ
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बुधवार, 23 अगस्त 2017
chand si mehbooba.flv
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शुक्रवार, 28 जुलाई 2017
अर्पण (गुरुवाणी)
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा।(गुरुवाणी के कुछ अंस )
एक बार की बात है एक बृद्ध साधु महात्मा थे गर्मियों की बात थी सड़क के किनारे सो रहे थे,इतने में एक चोर आया और बाबा जी का कंबल उठा के भाग गया।
अब बाबा जी उठे तो देखा एक आदमी कम्बल लेके भाग रहा है,लोगो को इकट्ठा किया और उस चोर के पीछे भागने लगे,बहुत दूर तक भागे लेकिन चोर तो चोर है कोई भी उसे नहीं पकड़ पाया,उन में से एक आदमी ने कहा बाबा आप तो ज्ञानी ध्यानी हैं आँखें बंद कर ध्यान लगाओ और चोर को देखो कहाँ पर है,हम उसे तुरंत पकड़ कर ले आएंगे।
बाबा जी ने भी आँखें बंद की हुए ध्यान में लग गए लगभग एक घंटे बाद लोगों ने सोचा अब तो बाबा जी को चोर मिल ही गया होगा उन्होंने बाबा जी को आंखे खोलने को कहा और पूछा बाबा जी चोर मिल गया क्या?तो बाबा बोले हाँ चलो मेरे साथ सब हाथ में डंडे लेके चल पड़े और बाबा जी सब को शमशान घाट पर ले गए बोले वो चोर जब भी आएगा यहीं पर आएगा कम्बल तो नहीं मिलेगा पर ये तो पक्का है की इसी स्थान पर आएगा।
( जय गुरुदेव कोटि कोटि नमन )
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