Bhagavad Gita is the life management book and self motivational book. many peoples change there life by reading this book, this is not a religious book anybody, any religion can read for better future. many peoples got success his business from this energetic book, I'm writing a shloka a day so if anybody don't have enough time to read so you can read a shloka a day, Thanks.
BHAGAVAD GITA IN HINDI
शुक्रवार, 28 जुलाई 2017
अर्पण (गुरुवाणी)
I'm a husband, fathers of two kids, would like to help people anywhere and believe to spiritualty.
रविवार, 7 मई 2017
Entartainment
Jaunsari Himanchali music
I'm a husband, fathers of two kids, would like to help people anywhere and believe to spiritualty.
सोमवार, 1 मई 2017
सहजता व् सामान्यता
सुधांशु जी महाराज जी के प्रबचन
एक शहर की बात है वहां पर एक डॉक्टर रहते थे,और शहर से थोड़ी दूर पर उनका क्लिनिक था।
एक दिन वो रोज की तरह ही चप्पल पहने अपने क्लिनिक में जा रहे थे,साधारण कुर्ता और पैजामा पहने हुए थे,और कंधे में एक थैला था जिसमे डॉक्टर के उपकरण थे ,पर लगता था साधारण आदमी होगा।
रास्ते में एक आदमी ने आवाज लगाई अरे भाई आज मुझे अपने मकान का काम पूरा करना है पर सुबह से कोई भी मजदूर नहीं मिल रहा है,जितना मजदूरी कहोगे दे दूंगा कृपया मना मत करना।
डॉक्टर शाहब ने कहा भाई बहुत जरुरी है तो कर लेते है चलो,अब डॉक्टर जी ने अपने बैग से सांपा निकला और सर पर बांध दिया अब तो पक्का मजदूर लग रहे थे।
बहुत जल्दी-जल्दी काम करने लगे और उस आदमी से भी तेज काम कर रहे है,वो लोग बहुत खुश हो रहे है बोले भगवान की कृपा हो गई आज जो हमें इतना अच्छा मजदूर मिल गया है,उस आदमी की पत्नी बोली अजी इसको पूरी मजदूरी देना जो भी बोलेगा अच्छा काम कर रहा है और आज ही हमारा घर बन जायेगा,दिन भर बेचारे ने खाना भी नहीं खाया और पानी भी नहीं पिया बहुत खुश है पुरे परिवार वाले।
सायं के वक्त उस मोहल्ले का सरपंच वहां से जा रहा था तो उसने देखा,ये तो उस क्लिनिक का डॉक्टर लगता है पत्थर ढो रहा है मजदूरों की तरह, उसने प्रणाम किया और पूछा डॉक्टर शाहब आप यहां काम कर रहे है अरे हमको कह दिया होता,क्या बात है ये आपके रिस्तेदार हैं क्या ?
डॉक्टर ने कहा नहीं आज सुबह ही इनसे रिस्तेदारी हुई है इनको मजदूर नहीं मिल रहा था और इनका घर बनना भी जरुरी था सायद भगवान का यही आदेश था।
सारे परिवार वाले डॉक्टर शाहब के पैरों में झुककर प्रणाम कर बोले शाहब हमसे गलती हो गयी हमने आपको पहचाना नहीं कि आप तो डॉक्टर है और आपने दिनभर भूखा रहकर हमारे मकान बनाने में हमारा सहयोग किया।
डॉक्टर ने कहा मैंने तो भगवान का आदेश का पालन किया है।
जय हो
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सोमवार, 17 अप्रैल 2017
Entertainment
Aaj ki rajneeti by kishna Bagot ji
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शनिवार, 8 अप्रैल 2017
( Nepliyo ka pind ) कलजुगी नारद किशना बगोट का हास्य ब्यंग
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Entertainment
गढ़वाली भाषा की पहचान
कलयुगी नारद जी
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शुक्रवार, 7 अप्रैल 2017
Uttrakhand news
Devbhoomi news
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