भोलेनाथ बड़े ही दयालू देवता है बड़े औघड़ दानी है।
माता पार्वती जी ने भोलेनाथ जी से कहा कि हे महादेव मैं आप से कुछ विनती करना चाहती हूं क्या आप मानेंगे तो महादेव जी ने बड़े ही भाव से कहा देवी आप कहिए तो सही मैं आप की बात टाल नहीं सकता।
तो माँ पार्वती तुरंत बोली हे भोलेनाथ कब तक हम कैलाश पर्वत पर ऐसे ही बिना घर के रहेंगे,अब मै चाहती हूँ कि हमारा भी अपना घर होना चाहिए।
अब भोलेनाथ जी ने तुरंत अदभुत द्वीप ढूंडा और विष्वकर्मा जी को आदेश दिया कि हमारे लिए और हमारे परिवार के लिए सोने की नगरी का निर्माण किया जाय।
तो विश्वकर्मा जी ने तुरन्त ही सोने की नगरी का निर्माण कर दिया और भगवान भोलेनाथ को बोले कि आप किसी ज्ञानी पंडित को बुलाएँ और गृह प्रवेश करवाए।
महादेव जी ने सोचा कि रावण के बराबर जानकार तो कोई भी पंडित नहीं है और शीघ्र ही रावण को आमन्त्रित किया गया।
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