एक गाँव में एक बूढी माता जी रहती थी बड़ी मुश्किल से अपना गुजारा करती थी, अचानक उनके मन में आया कि वो भी लोगो की तरह सोने का कड़ा बनवाकर हाथ में पहनेंगी,किसी तरह से सोने का कड़ा बनवा लिया और हाथ में पहन कर घूमने लगी।
परन्तु पुरे गाँव में किसी ने भी यह नहीं पूछा कि माता जी आपका कड़ा कितना सुन्दर है और मँहगा है तो माता जी को बहुत गुस्सा आया और उन्होंने तुरंत अपनी झोंपड़ी में आग लगा दी, आग और धुंआ देखकर सारे गाँववाले इकट्ठे हो गए और आग बुझाने लगे आग शांत होने के बाद अचानक एक महिला उनके पास आयीं और बोली अरे वाह माताजी आपके हाथ में कितना सुन्दर सोने का कड़ा है और कितना चमकता है।
माताजी ने जबाव में कहा पहले कह देती तो झोंपड़ी में आग ना लगाती।
जय हो बापू
हरिओम
माताजी ने जबाव में कहा पहले कह देती तो झोंपड़ी में आग ना लगाती।
जय हो बापू
हरिओम
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