एक गांव में दुखी राम रहता था,सब लोग कहते थे कि जिस दिन सुबह-सुबह दुखी राम का मुँह देख लिया तो उस आदमी को दिन भर खाना नसीब नहीं होता है ,बड़ा ही मनहूस आदमी है ।
अब यह बात राजा के कानो तक भी पहुँच गयी राजा ने सन्देश दिया कि दुखीराम को तुरंत यहाँ बुलाया जाय !
राजा के सिपाही तुरंत दुखीराम को पकड़ कर ले आये,राजा ने कहा इसको रात्रि में मेरे साथ ही खाना होगा और मेरी बगल में ही इसका बिस्तर लगा दिया जाय,रात बीत गयी राजा जी ने हाथ मुँह धोकर सीधा दुखीराम के दर्शन किये और दिन की सुरुआत दिनचर्या के अनुसार करने लगे,अब राजा जी किसी काम में इतने उलझ गए कि नास्ता तो रहा दूर भोजन भी नहीं हो पाया और शाम का भोजन भी किसी तरह से रात्रि में ही हो पाया और अंत में राजा ने गुस्से में आकर दुखी राम को फांशी की सजा सुना दी ।
उस गाँव में एक भले आदमी रहते थे,उन्होंने कहा दुखी राम जैसे मैंने तुम्हे समझाया है वेसे ही कह देना डरना मत ।
(गूगल से साभार)
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