शुक्रवार, 13 नवंबर 2015

यह बख़्त भी चला जायेगा

यह बख़्त भी  चला जायेगा 

एक बार की बात है ,अकबर बादशाह ने बीरबल  से कहा कि कई बार ऐसी स्थति आती है कि मैं ख़ुशी के समय में बहुत खुश हो जाता हूँ ,और जब  दुःख  की बात  आती है  ही तो बहुत  दुखी  हो जाता  हूँ ,ऐसा  कुछ करो कि  मैं हर बख़्त  एक समान  ही महसूस  करुँ ,

यह सुनकर बीरबल ने  अकबर  बादशाह के दरबार में सुन्दर बड़े - बड़े  अक्षरों   में  राजा के ठीक सामने वाली दीवार में ,जहाँ  आते ही बादशाह की नजर पड़े -

यह बख़्त भी  चला जायेगा  

लिखवा दिया,अब राजा जब भी  दरबार में आते तो उन्हें यह पंक्तियाँ पढ़ कर हमेसा सामान्य ही महसूस होता था,उनको खुसी के समय में नतो ज्यादा ख़ुशी होती थी और दुःख के समय में न ज्यादा गम । 

 (फोटो गूगल से साभार )

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