शुक्रवार, 26 जुलाई 2019

माया मोह

 



                                                 माया मोह 

राजकुमार सिद्दार्थ  गौतम (महात्मा गौतम बुद्ध )का नाम  तो आपने  सुना ही होगा,राजकुमार की शादी हुई और उनका एक पुत्र भी हुआ। 

राजकुमार एक दिन अपने  राज्य में घूमने गए तो उन्होंने एक बृद्ध व्यक्ति को तथा एक बीमार व्यक्ति एवं एक मृत लाश को भी देखा। इस दृश्य से राजकुमार के दिल में बहुत ही बुरा असर पड़ा सोचा कि जिस शरीर की इतनी देखभाल की जाती है वह तो नश्वर है। 

राजकुमार को रात को नींद नहीं आयी और अपना छै साल का  प्रिय पुत्र और जवान पत्नी को छोड़कर आधी रात को घर से निकल गए।

राजशी वैभव को छोड़कर दर-दर  भिक्षा मांगकर गुरु की शरण में जाकर ज्ञान प्राप्त किया और दुनिया में अपने असंख्य शिष्यों के साथ बौद्ध धर्म का प्रचार किया और महात्मा गौतम बुद्ध  के नाम से प्रशिद्ध हुए। 

वे चाहते तो दुनिया की कोई भी चीज बिना प्रयाश के घर पर ही प्राप्त कर सकते थे,परन्तु राजकुमार को ज्ञान प्राप्त हो गया और माया मोह से दूर निज स्वरुप को पहचान कर दुनिया में प्रशिद्ध हुए। 


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(फोटो साभार गूगल )

गुरुवार, 11 अप्रैल 2019

नव दुर्गा पूजा

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                                                   (चित्र गूगल से प्राप्त साभार )

                                 माँ कात्यायनी  

प्रथमे शैलपुत्री द्वितीया ब्रह्मचारिणी त्रितीय चन्द्रघण्टेति कुष्मांडका चतुर्थकम। 

पंचमे स्कंदमाता षस्टमे कात्यायिनी देवी सप्तमे कालरात्री अस्टमे महागौरी नवमे सिद्धिदात्री च नव दुर्गे नारायणी नमोःस्तुते।।

छटे नवरात्र में माँ  परा अम्बा  की स्तुति  देवी कात्यायिनी  के रूप में की जाती है ,

रुकमणी जी ने भी  भगवान  श्री कृष्ण  को वर रूप में प्राप्त करने हेतु  देवी कात्यायिनी  की पूजा की थी ,माता सीता जी ने भी श्री राम जी को वर पाने हेतु माता के इस रूप की पूजा की थी। 

श्री यमुना जी के किनारे गोपियों ने भी बृज  की  अधिष्ठात्री  देवी  कत्यायिनी  जी की पूजा की जिससे उन्हें  भगवान  के संग रास  रचाने  की कृपा प्राप्त हुई ।

शनिवार, 13 अक्टूबर 2018

Latest Himachali Nati 2017 | Maharaz | Inder Jeet | Official Video | S.D...

गढ़वाली हिमाँचली संगीत  बहुत  ही रोचक और मंत्रमुग्ध करने वाला है
एक बार जरूर सुने,वाह क्या बात है,धन्यवाद।








रविवार, 29 अप्रैल 2018

अद्यात्मिकता

अद्यात्मिकता 

गुरुवाणी 

मूकं करोति वाचालं,पंगु लंघयते गिरीम।।
यत्कृपा तमहं बन्दे,परमानन्द माधवम।।
 

चुप रहने वाले भी बढ़िया भाषण करने लगते है और बिना पैरों वाले भी पर्वत को पार कर देते हैं जिस पर उस परमानन्द स्वरूप परमपिता परमात्मा की कृपा हो जाती है।

                                          | | जय गुरु देव | |   

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बुधवार, 4 अप्रैल 2018

यकीन

 भगवान आएंगे दोस्तों,अपनी प्रार्थना पर यकीन कर डटकर इन्तजार करो।

कौन  कहता है छलनी  में पानी नहीं आता,बर्फ बनने तक इंतजार करो।। 


रविवार, 14 जनवरी 2018

शांति

एक बार की बात है कबीर दास जी एक नई जगह पहुँच गए ,रहने का साधन था नहीं तो एक झोंपड़ी बनाई और उसमे रहने लगे।
उनकी झोंपड़ी के पास में एक कसाई की दुकान थी तो जब कबीर दास जी प्रातः चार बजे उठकर स्नान कर पूजापाठ करना शुरु करते तो कसाई की दुकान से जानवरो के काटने की चीख पुकार सुनाई देती अब लगभग ये रोज का काम हो गया तो उनको बहुत ही दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था,तो एक सज्जन ने उनको सलाह दी कि झोंपड़ी बदल दो तो कबीर दास जी ने उस पर भी एक श्लोक बना दिया और शांत चित होकर रहने लगे।

कबीरा तेरी झोंपड़ी गलकट्टो के पास।
जो करेगा सो भरेगा तुम क्यूँ भए उदास।।